भारतीय सेना जम्मू-कश्मीर के पुंछ-राजौरी सेक्टर में और ज्यादा ट्रूप्स तैनात करने की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक, सेना की योजना इस इलाके में आतंक-रोधी ग्रिड को और मजबूत बनाने की है।
21 दिसंबर को राजौरी के डेरा की गली इलाके में सेना के वाहनों पर आतंकी हमला हुआ था, जिसमें पांच जवानों की जान चली गई थी। इस घटना के बाद सेना ने यह फैसला लिया है।
यहां तैनात होने वाले ट्रूप्स को सेना के अलग-अलग कमांड से यहां लाया जाएगा। कुछ महीने पहले ही यहां एक सैन्य टुकड़ी को तैनात किया गया है। अगली ब्रिगेड जल्द ही यहां लाई जाएगी।
वहीं, इस हमले के बाद आर्मी चीफ मनोज पांडे सोमवार (25 दिसंबर) को पुंछ पहुंचे। उन्होंने यहां कमांडरों से मुलाकात की और उन्हें प्रोफेशनल तरीके से काम करने की हिदायत दी।
पुंछ में 3 सिविलियन की मौत के मामले में सेना ने कोर्ट ऑफ इंक्वायरी शुरू की
21 दिसंबर को हुए हमले के बाद सेना ने इस इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया था। पूछताछ के लिए उठाए गए 8 संदिग्धों में से 22 दिसंबर को 3 के शव मिले थे। इसके बाद पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया था।
मारपीट से सिविलियन की मौत के आरोपी जवानों के खिलाफ सेना ने कोर्ट ऑफ इंक्वायरी शुरू कर दी है। सेना ने सुरनकोट बेल्ट के प्रभारी ब्रिगेडियर लेवल के अधिकारी और 48 राष्ट्रीय राइफल्स के तीन जवानों को मौजूदा ड्यूटी से हटा दिया है।
21 दिसंबर को हुए हमले की जिम्मेदारी पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट (PAFF) ने ली है। आतंकियों ने सोशल मीडिया पर हमले वाली जगह की तस्वीरें भी जारी कीं, जिनमें M-4 राइफल के इस्तेमाल का दावा किया गया है। आतंकियों ने अमेरिकी M-4 कार्बाइन असॉल्ट राइफल से स्टील बुलेट फायर की थीं।
सूत्रों के अनुसार, M-4 राइफल आतंकियों के पास पाकिस्तानी हैंडलरों से आई थीं। यह राइफल उस जखीरे का हिस्सा है जो अमेरिकी सेना अफगानिस्तान से जाते समय वहां छोड़ गई थी।
सेना ने घटना से जुड़े 4 जवानों का ट्रांसफर किया
सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने जवानों के खिलाफ IPC की धारा 302 का मामला दर्ज किया है। चूंकि मौजूदा मामला अलग है, इसलिए जांच पूरी होने पर स्पेशल रिपोर्ट अलग से सौंपी जाएगी। एक ब्रिगेडियर लेवल के अधिकारी और 48 राष्ट्रीय राइफल्स के तीन जवानों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
उधर, जम्मू-कश्मीर सरकार ने तीनों मृतकों के परिवार को मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है।
जानिए क्या हैं राजौरी के मौजूदा हालात...
पुंछ और राजौरी जिलों में शनिवार (23 दिसंबर) से मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर कर दी गई हैं।
नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) की टीमें मौके पर पहुंच गई थीं। सर्च ऑपरेशन सोमवार को भी जारी है।
आतंकियों की तलाश के लिए राजौरी, पुंछ और बफलियाज में अतिरिक्त जवानों की तैनाती की गई है।
पूछताछ के वीडियो वायरल होने के बाद विवाद बढ़ा
सुरक्षा बलों ने जिन लोगों को पूछताछ के लिए उठाया था, उनमें से तीन की लाशें मिलीं। मरने वालों में सफीर अहमद, मोहम्मद शौकत और शब्बीर अहमद का नाम शामिल है।
परिजन का आरोप है कि इन लोगों ने पिटाई के दौरान लगी चोटों के कारण दम तोड़ दिया। जवानों ने पूछताछ के दौरान इन लोगों के साथ सख्ती दिखाई थी। जिसके वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर शेयर किए गए थे। इसके बाद सेना ने मामले को गंभीरता से लिया।
हालांकि यह पहला मौका नहीं है, जब सेना की काउंटर इंसर्जेंसी यूनिट विवादों में घिरी है। अक्टूबर 2023 में भी एक सीनियर रैंक के अधिकारी ने थानामंडी के पास ब्लू पोस्ट कैंप के अंदर अपने सहकर्मियों पर गोलियां चलाईं और ग्रेनेड विस्फोट किए थे, जिसमें तीन अधिकारियों सहित पांच कर्मी घायल हो गए थे।
सूत्रों का दावा- राजौरी में 30 आतंकी सक्रिय
सेना से जुड़े सूत्रों का कहना है कि लगभग 30 पाकिस्तानी आतंकी सुरक्षा बलों पर हमला करने के लिए राजौरी के जंगलों में छिपे हुए हैं। 16 दिसंबर को भी BSF के एक सीनियर अफसर ने इंटेलिजेंस के हवाले से जानकारी दी थी कि पाकिस्तान सीमा में 250 से 300 आतंकी लॉन्चपैड पर हैं। ये जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ की फिराक में हैं।