भारतीय नौसेना आज से विशाखापत्तनम में सबसे बड़े सैन्य अभ्यास मिलन-24 की शुरुआत कर रही है। इसमें 51 देशों की नौसेनाएं शामिल हो रही है। जिनके 35 प्रमुख वॉरशिप और 50 एयरक्राफ्ट मिलन-24 में शामिल होने भारत पहुंच चुके हैं।
मिलन-24 का यह 12वां एडीशन है, जो 27 फरवरी तक चलेगा। नौसेना ने इसे ट्रिपल C (सौहार्द, सामंजस्य, सहयोग) की थीम दी है। मिलन-24 हर दो साल में होने वाला सैन्य युद्धाभ्यास है, जो 1995 में केवल चार देशों के साथ शुरू हुआ था।
मिलन-24 में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान, वियतनाम, थाईलैंड के अलावा मालदीव, यूके, मलेशिया, कनाडा, स्पेन, जर्मनी, इटली, दक्षिण कोरिया, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, म्यांमार, इराक, ब्राजील और यमन भी अपने प्रतिनिधि भेज चुके हैं।
पहले जानिए भारतीय नौसेना किस-किस का प्रदर्शन करेगी...
भारतीय नौसेना INS विक्रमादित्य और INS विक्रांत के साथ कम से कम 30 जंगी पोत लेकर उतरेगी। युद्धाभ्यास का नाम ‘मल्टी लेटरल नेवल एक्सरसाइज- मिलन-2024’ है।
मिलन-24 के दौरान सी फेज में 4 दिन लहरों पर होगा प्रदर्शन
51 देशों की नौसेनाओं के प्रतिनिधियों की चर्चा के बीच, 24 फरवरी से 27 फरवरी तक मिलन-24 के दौरान सी फेज का आयोजन होगा। यह वह समय है, जब नौसेनाएं समंदर की लहरों पर करतब दिखाती हैं।
अरब सागर के कमर्शियल कॉरिडोर पर हाल ही में हुए ड्रोन हमलों ने दुनिया की चिंता बढ़ा दी है। मिलन युद्धाभ्यास में नौसेनाएं ड्रोन हमलों से बचने का अभ्यास करेंगी और पायरेसी के खिलाफ नेवी ऑपरेशन्स को भी डिजाइन करेंगी।
मौजूदा तनाव के बीच शामिल होगी मालदीव की नौसेना
मालदीव ने लेफ्टिनेंट कर्नल यूसुफ निशार के नेतृत्व में अपनी नौसेना टुकड़ी भेजने का फैसला किया है। मालदीव ने मिलन-24 में हिस्सा लेने का फैसला तब किया, जब दोनों देशों की हाई लेवल कोर कमेटी ने दो बार मीटिंग की। जिनमें इस पर चर्चा की गई।
रिपोर्ट्स के मुताबिक मालदीव-भारत के बीच तीसरी हाईलेवल मीटिंग फरवरी के आखिरी हफ्ते में होगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मार्च में मिनिकॉय जाएंगे। जहां वे INS जटायु का उद्घाटन करेंगे।
भारत-मालदीव के बीच क्यों उठा विवाद
दोनों देशों के बीच तनाव तो तब से चल रहा है, जब 9 सितंबर 2023 को मालदीव के राष्ट्रपति चुनाव में चीन समर्थक मोहम्मद मोइज्जू की जीत हुई। उनके सत्ता में आते ही मालदीव ने 'इंडिया आउट' की नीति लागू कर दी। मोइज्जू ने भारत से अपने सैनिकों को वापस बुलाने को कह दिया।
2018 में चीन समर्थक राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के समय मालदीव ने MILAN नौसैनिक अभ्यास में भाग लेने के भारत के न्योते को इनकार कर दिया था। उस वक्त मालदीव पूरी तरह से बीजिंग के प्रभाव में था।