चुनाव आयोग ने 6 फरवरी को अजित गुट को असली नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) बताया था, जिसके खिलाफ पार्टी के संस्थापक शरद पवार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच आज (19 फरवरी को) इस मामले पर सुनवाई करेगी।
16 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने शरद पवार की इस याचिका को अर्जेंट सुनवाई के लिए स्वीकार किया था। शरद की ओर से वकील अभिषेक जेबराज ने कहा था कि महाराष्ट्र विधानसभा का 20 फरवरी को स्पेशल सेशन बुलाया गया है। अजित गुट की ओर से व्हिप जारी की जा सकती है। इसलिए मामले को अर्जेंट में सुना जाना चाहिए।
दरअसल, चुनाव आयोग ने 6 फरवरी को 6 महीने तक चली 10 सुनवाई के बाद पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न घड़ी अजित गुट को दे दिया था। इसके बाद आयोग ने शरद पवार के गुट के लिए NCP शरद चंद्र पवार नाम दिया था।
इसके खिलाफ शरद पवार ने 11 फरवरी को कहा था - इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ कि जिसने पार्टी की स्थापना की, उसके हाथ से पार्टी लेकर किसी और को सौंपी गई। मुझे भरोसा है कि लोग चुनाव आयोग के फैसले का समर्थन नहीं करेंगे। इसलिए हमने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।
स्पीकर ने भी अजित गुट को असली NCP बताया
NCP के विधायकों की अयोग्यता के मामले में महाराष्ट्र के स्पीकर राहुल नार्वेकर ने 15 फरवरी को फैसला सुनाया था। उन्होंने विधायकों को योग्य बताते हुए उनके खिलाफ सभी याचिकाओं को रद्द कर दिया था। उन्होंने ने भी चुनाव आयोग की तरह ही अजित गुट को असली NCP बताया था। उनके मुताबिक, अजित पवार के पास 41 विधायकों का समर्थन है।
दरअसल, जुलाई 2023 में शरद पवार की NCP तोड़कर अजित पवार भाजपा सरकार के गठबंधन में शामिल हो गए थे। इसके बाद शरद गुट ने स्पीकर से पार्टी तोड़ने वाले विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की थी।
अजित ने 5 जुलाई को कहा था- अब मैं NCP चीफ
अजित पवार 2 जुलाई 2023 को NCP के 8 विधायकों के साथ महाराष्ट्र की शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे। उन्होंने अपने साथ NCP के 40 विधायकों के समर्थन का दावा किया था। गठबंधन सरकार में अजित को डिप्टी CM बनाया गया है।
इसके बाद अजित ने 5 जुलाई 2023 को शरद पवार को NCP राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाने का ऐलान किया था। उन्होंने खुद को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किया था। अजित का कहना था कि मुंबई में 30 जून 2023 को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह फैसला हुआ था।
अजित पवार ने चुनाव आयोग में NCP के नाम-निशान पर अपना दावा जताते हुए 30 जून को लेटर भेजा था। वहीं, शरद गुट के नेता जयंत पाटिल ने 3 जुलाई को आयोग से अजित समेत 9 मंत्रियों सहित 31 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की थी।
शरद से बगावत के बाद अजित ने 30 जून को दावा किया था कि बहुमत उनके पास है। इसलिए पार्टी पर उनका अधिकार है। आयोग में याचिका दायर कर, अजित ने 9 हजार से ज्यादा दस्तावेज पेश किए थे।
NCP केवल 2 राज्यों में सीमित
सन् 2000 के तत्कालीन चुनाव परिणामों के आधार पर NCP का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा 10 अप्रैल 2023 को छिन गया था। अब यह केवल महाराष्ट्र और नगालैंड में क्षेत्रीय दल के रूप में मान्यता रखती है।