पश्चिम बंगाल के संदेशखाली यौन उत्पीड़न केस में ममता बनर्जी सरकार को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पार्लियामेंट एथिक्स कमेटी के नोटिस पर रोक लगा दी। कमेटी ने भाजपा सांसदों के साथ दुर्व्यवहार पर यह नोटिस जारी किया था।
कमेटी ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव भगवती प्रसाद गोपालिका, DGP राजीव कुमार, उत्तर 24 परगना के DC शरद कुमार द्विवेदी, बशीरहाट के SP हुसैन मेहदी रहमान और ASP पार्थ घोष को समन जारी कर 19 फरवरी को पेश होने का आदेश दिया था।
पार्लियामेंट एथिक्स कमेटी को बंगाल सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। मामले की पैरवी वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने की। उन्होंने कोर्ट से फौरन सुनवाई की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। सिब्बल ने कहा कि राजनीतिक गतिविधियां विशेषाधिकार का हिस्सा नहीं हो सकतीं।
संदेशखाली में महिलाओं ने TMC नेता शाहजहां शेख पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए थे। महिलाओं का कहना है कि शाहजहां शेख जिसे चाहे उसे अपनी हवस का शिकार बनाता था। शाहजहां राशन घोटाले मामले में ED की रेड के बाद से फरार है। शेख पर ED की टीम पर हमले का भी आरोप है।
जमीन हड़पने और महिलाओं के यौन उत्पीड़न मामले में कुल तीन मुख्य आरोपी हैं। इनमें से दो आरोपी अरेस्ट किए जा चुके हैं। पकड़े गए आरोपी की पहचान TMC नेता शिबप्रसाद हाजरा और उत्तम सरदार के रूप में हुई है। मामले में अब तक कुल 18 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
संदेशखाली जा रहीं राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष
राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की चेयरपर्सन रेखा शर्मा ने कहा- संदेशखाली से परेशान करने वाली खबरें आ रही हैं। इसलिए मैं खुद जा रही हूं। पश्चिम बंगाल के डीजीपी से मिलूंगी, स्थानीय पुलिस से मिलूंगी। पीड़ित महिलाओं से मेरी बात हो चुकी है। संदेशखाली में गली-गली में जाकर महिलाओं से मिलूंगी, ताकि पीड़ित महिलाओं को न्याय मिल सके।
राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की चेयरपर्सन रेखा शर्मा ने कहा- संदेशखाली से परेशान करने वाली खबरें आ रही हैं। इसलिए मैं खुद जा रही हूं। पश्चिम बंगाल के डीजीपी से मिलूंगी, स्थानीय पुलिस से मिलूंगी। पीड़ित महिलाओं से मेरी बात हो चुकी है। संदेशखाली में गली-गली में जाकर महिलाओं से मिलूंगी, ताकि पीड़ित महिलाओं को न्याय मिल सके।
संदेशखाली यौन उत्पीड़न मामले को लेकर 16 फरवरी को भी काफी बवाल हुआ था। भाजपा डेलिगेशन ने संदेशखाली जाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उसे रोक दिया। उनके वापस लौटने के बाद कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी वहां पहुंचे।
हालांकि पुलिस ने उन्हें भी संदेशखाली जाने से रोका। इस पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हुई। इसके बाद अधीर रंजन रामपुर में धरने पर बैठ गए। उन्होंने कहा- हम जानना चाहते हैं कि संदेशखाली की असली घटना क्या है? वास्तव में वहां क्या हुआ कि लोगों को वहां जाने से रोका जा रहा है?
कांग्रेस सांसद ने कहा- संदेशखाली मामले को हिंदू-मुस्लिम सांप्रदायिक घटना के रूप में दिखाने की कोशिश हो रही है। ममता बहुत चतुराई से इसे बढ़ावा देने की कोशिश कर रही हैं। विधानसभा में कल उनके भाषण से ये स्पष्ट है। ममता बनर्जी को जवाब देना होगा। शाहजहां और उनके समर्थक सभी TMC के प्रोडक्ट हैं।
संदेशखाली जाने से रोकने पर BJP टीम वापस लौटी
अधीर से पहले भाजपा की 6 सदस्यीय टीम को भी संदेशखाली जाने से रोका गया था। टीम की संयोजक और केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा- हम पीड़ित बहनों को न्याय दिलाना चाहते हैं। जितनी मुस्तैदी से हमें रोका गया, अगर उसी मुस्तैदी से आरोपियों को पकड़ा जाता तो ये दिन नहीं देखना पड़ता। शेख के गुंडे महिलाओं को प्रताड़ित कर रहे थे। वे न्याय की गुहार लगा रही थीं।
भाजपा सांसद सुनीता दुग्गल ने कहा कि बंगाल में गुंडा राज की सरकार है। हमने संदेशखाली की पीड़ित महिलाओं से वीडियो कॉल पर बात की। जो महिलाएं हमसे बात कर रही थीं, उन पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया है। हम बंगाल के गवर्नर से मिलेंगे और उन्हें पूरी जानकारी देंगे।
TMC नेता पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न का आरोप
संदेशखाली में महिलाओं ने TMC नेता शेख शाहजहां और उसके साथियों पर यौन उत्पीड़न, हिंसा और जमीन हड़पने के आरोप लगाए हैं। एक महीने पहले ED ने राशन घोटाले में शाहजहां के ठिकानों पर छापा मारा था। इस दौरान ED टीम पर हमला हुआ था। तब से शाहजहां फरार है। उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया जा चुका है।
शाहजहां की गिरफ्तारी की मांग को लेकर संदेशखाली में पिछले एक हफ्ते से विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। 14 फरवरी को भाजपा के नेता और कार्यकर्ता पीड़ितों से मिलने गए थे। इस दौरान पुलिस से उनकी झड़प हुई। इसके बाद संदेशखाली समेत 7 ग्राम पंचायतों के 500 मीटर के दायरे में 19 फरवरी तक धारा 144 लागू है।