ग्वालियर किले पर सोमवार 25 दिसंबर की शाम अद्भुत नजारा देखने को मिला। यहां 1500 तबला वादकों ने एकसाथ तबले पर थाप देकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। पूरा किला 22 मिनट तक तबले की थाप से गूंजता रहा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत कई संगीत प्रेमी इसके गवाह बने।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा, ‘सीएम बनने के बाद तानसेन की नगरी में पहली बार आया हूं। यहां तबला वादन देखना अपने आप में अलग ही नजारा है।' सीएम ने ऐलान किया कि मध्य प्रदेश में हर साल 25 दिसंबर को तबला दिवस मनाया जाएगा। इस दौरान ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
ग्वालियर में संगीत का महाकुंभ तानसेन समारोह चल रहा है। आयोजन 28 दिसंबर तक चलेगा। इसी के तहत किले पर तबला दरबार सजाया गया। कार्यक्रम में देशभर के 50 शहरों से 1500 कलाकारों ने हिस्सा लिया।
भोपाल में मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह के बाद सीएम डॉ. यादव और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर पहुंचे। सीएम यहां करीब 25 मिनट तक रुके।
सीएम बोले- ग्वालियर में दिखा कुंभ का नजारा
सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा, ‘मैं कुंभ की नगरी से आता हूं। हमारे तबला वादकों ने ग्वालियर में आज कुंभ का नजारा दिखा दिया। क्या आनंद आया, आज का दिन देखने के लिए इंद्र भी तरस रहे होंगे। इंद्र की सभा का स्वरूप अगर कहीं दिखाई दिया है तो आज के इस कार्यक्रम में दिखा है। मेरा यहां आना धन्य हो गया।’
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ नाम
कार्यक्रम में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की तीन सदस्यीय टीम भी मौजूद रही। एकसाथ इतने कलाकारों के तबला बजाने पर ग्वालियर का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हो गया। इसका सर्टिफिकेट भी दिया गया।
‘तबला दरबार' में कोलकाता, मुंबई, दिल्ली, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों के करीब 50 शहरों से तबला वादक आए। किले पर 18,560 वर्ग फीट के मंच को 10 कतारों में सीढ़ीनुमा बनाया गया था।
तानसेन अलंकरण से विभूषित गणपति भट्ट बोले- मेरा जन्म सार्थक
ग्वालियर में रविवार से संगीत का पांच दिवसीय महाकुंभ "तानसेन समारोह' शुरू हो गया। इस बार कर्नाटक के धारवाड़ के पंडित गणपति भट्ट हसणगि (72) को तानसेन अलंकरण 2022 से विभूषित किया गया। उन्हें सोमवार को 5 लाख रुपए, शॉल, श्रीफल और प्रशस्ति पत्र दिया गया।