कन्नौज में हिस्ट्रीशीटर को पकड़ने गई पुलिस टीम पर हुए हमले में सिपाही की मौत हो गई। सोमवार शाम को पुलिस टीम हिस्ट्रीशीटर मुन्ना यादव को पकड़ने उसके घर गई थी। यहां मुन्ना और उसके बेटे ने पुलिस टीम पर छत से फायरिंग कर दी। करीब 4 घंटे तक हुई मुठभेड़ में दोनों पक्षों से 40 राउंड फायरिंग हुई। इसमें एक गोली सिपाही सचिन राठी के लग गई।
सचिन को पुलिस तुरंत कानपुर के रीजेंसी हॉस्पिटल लेकर आई। वहां इलाज के दौरान रात 1 बजे उसकी मौत हो गई। उधर, पुलिस ने कई थानों की फोर्स बुलाकर हिस्ट्रीशीटर का घर घेर लिया। रात 8 बजे करीब कोहरा और अंधेरा होने लगा तो मुन्ना यादव और उसका बेटा टिंकू घर से फायरिंग करते हुए भागने लगे।
पुलिस ने पीछा करके हुए मुन्ना और उसके बेटे को रोकने के लिए फायरिंग की। दोनों के पैर में गोली लगी है। बाप-बेटे को पुलिस ने छिबरामऊ के 100 शैय्या अस्पताल में भर्ती कराया है। पूरी घटना विशुनगढ़ थाना के धरनी धीरपुर नगरिया गांव की है।
2019 बैच के सिपाही थे सचिन, 5 फरवरी में होनी थी शादी
इस हमले में 29 साल के जिस सिपाही सचिन राठी की मौत हुई है। वो मुजफ्फरनगर की बुढाना क्षेत्र के शहडब्बर गांव का रहने वाले थे। 2019 में वो पुलिस में भर्ती हुए थे। उन्हें पहले तैनाती कन्नौज के सौरिख थाने में मिली। इसके बाद उन्हें विशुनगढ़ थाना भेजा गया।
सचिन की अगले साल 5 फरवरी को महिला कॉन्स्टेबल के साथ होनी थी। कानपुर में उनके शव का पोस्टमॉर्टम कराया जा रहा है। इसके बाद शव को मुजफ्फरनगर भेजा जाएगा।
20 से ज्यादा केस में फरार था हिस्ट्रीशीटर नंबर 40-A मुन्ना यादव
कन्नौज SP अमित कुमार आनंद ने बताया, ''मुन्ना यादव का नाम अशोक कुमार है। उसके खिलाफ नॉन बेलेबल वारंट यानी NBW जारी है। उस पर हत्या, डकैती, लूट और गैंगस्टर एक्ट समेत 20 से ज्यादा केस दर्ज हैं। उसकी हिस्ट्रीशीट का नंबर 40-A है। धरनी धीरपुर नगरिया गांव के बाहर मुन्ना यादव का आलीशान कोठी बनवा रखी है।''
यहां से बस्ती 200 मीटर दूर है। मुन्ना की पत्नी श्यामा प्रधान रह चुकी है। मुन्ना के परिवार में पत्नी, 3 बेटे और 1 बेटी है। 2 बेटे शादीशुदा हैं। मुन्ना के भाई अनिल उर्फ गुड्डू की 25 साल पहले 1998 में हत्या कर दी गई थी। बदले में मुन्ना ने अगस्त 2002 में गांव के एक व्यक्ति की हत्या की थी। मगर, यह मामला 5 साल बाद यानी 2007 में सामने आया था।
SP अमित कुमार आनंद ने बताया, "सोमवार को मुखबिर से सूचना मिली थी कि फरार मुन्ना अपने घर आया है। इसके बाद छिबरामऊ और विशुनगढ़ थाने की पुलिस टीम ने शाम 4 बजे उसके घर की घेराबंदी की। पहले ये लोग किसी तरह की मूवमेंट नहीं कर रहे थे। जैसे ही टीम घर के पास पहुंची, तो ये लोग पुलिस टीम पर फायरिंग करने लगे।''
शाम 4 से रात 8 बजे तक हुई फायरिंग
इसके बाद पुलिस ने चारों तरफ से मुन्ना यादव के घर को घेर लिया। करीब 5 जीप में पुलिस के 20 जवान मौके पर थे। एक महिला CO डॉ. प्रियंका बाजपेई भी साथ थीं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पुलिस टीम जैसे ही उसके घर के अंदर दाखिल करने की कोशिश की। तभी अंदर से फायरिंग शुरू हो गई।
अचानक फायरिंग से पुलिस घबरा गई। इसमें सिपाही सचिन राठी को गोली लग गई। सिपाही के घायल होने से पुलिस टीम बैकफुट में आ गई। इसके बाद और थानों की फोर्स को बुलाया गया। पुलिस टीम जब-जब अंदर जाने की कोशिश कर रही थी अंदर से फायरिंग होने लगी।
पुलिस टीम ने भी आड़ लेकर जवाबी फायरिंग की। शाम 4 बजे से 8 बजे तक यानी 4 घंटे तक दोनों तरफ से 40 राउंड फायरिंग हुई। करीब 30 राउंड फायरिंग अंदर से जबकि 10 राउंड फायरिंग पुलिस की तरह से हुई।
पत्नी हथियार देती रही, बाप-बेटे ने की फायरिंग
SP अमित कुमार आनंद ने बताया, ''कॉन्स्टेबल के गोली लगने के बाद पुलिस ने जवाबी फायरिंग की, तो आरोपी घर में अंदर छिप-छिप जाते थे। इस दौरान मुन्ना की पत्नी श्यामा उसकी मदद कर रही थी। वह मुन्ना और टिंकू को असलहा लाकर दे रही थी।"
कई थानों की फोर्स आने के बाद पुलिस ने मुन्ना के घर को चारों तरफ से घेर लिया। जब मुन्ना को लगा कि वह फंस रहा है, तो करीब 8 बजे वह और उसका बेटा फायरिंग करते हुए भागने लगा। पुलिस ने पीछा किया तो पुलिस पर फायर झोंक दिए। जवाबी फायरिंग में हिस्ट्रीशीटर और उसके बेटे के पैर में गोली लगी। पुलिस ने दोनों को पकड़ लिया।
CCTV से देख रहा था पुलिस का मूवमेंट
हिस्ट्रीशीटर ने घर में चारों तरफ CCTV कैमरे लगा रखे हैं। पुलिस को शक है कि घर के अंदर से वह टीम की एक्टिविटी देख रहा था। इसीलिए जिस तरफ भी टीम का मूवमेंट होता था। वह उसी तरफ गोली चला रहा था। पुलिस ने बताया कि मुन्ना का मकान काफी बड़ा है। ग्रामीणों के मुताबिक, उसके यहां आने वाले व्यक्ति की एंट्री घर के अंदर तभी होती थी। जब वह CCTV से देख लेता था। पूरी तरह संतुष्ट होने के बाद ही वह मेन गेट खेलता था। ग्रामीणों ने बताया कि क्रिमिनल बैकग्राउंड के चलते लोग उससे दहशत में रहते हैं।
जैसे-जैसे रात बढ़ी, पुलिस घेराबंदी करती गई
पुलिस टीम की कमान SP अमित कुमार आनंद खुद संभाल रहे थे। उनके साथ ASP संसार सिंह, CO सदर डॉ. प्रियंका बाजपेई भी थीं। पुलिस ने हिस्ट्रीशीटर का मकान 300 मीटर की दूरी से चारों तरफ घेरा रखा था, ताकि किसी भी तरफ भागने की कोशिश करें, तो उसे दबोचा जा सके। जैसे-जैसे रात बढ़ रही थी, पुलिस घेराबंदी कसती गई। यही वजह रही थी कि रात में जब बाप-बेटों ने भागने की कोशिश की तो दोनों को दबोच लिया।
घर की सर्चिंग, दो तमंचे बरामद किए
SP अमित कुमार आनंद ने बताया, ''हिस्ट्रीशीटर और उसके बेटे के पास से दो तमंचे बरामद किए गए हैं। इससे यह लोग फायरिंग कर रहे थे। इनके घर की तलाशी करने पर पुलिस को डबल बैरल की राइफल मिली है। पत्नी को डिटेन किया गया है। घर और आसपास सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।''