राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने आज दिव्यांग बच्चों की पुनर्वास संस्था आरूषि के वार्षिक कैलेंडर का विमोचन किया। श्री पटेल ने राजभवन के स्वर्ण जयंती सभागार में आयोजित कार्यक्रम में दृष्टिबाधित दिव्यांग बच्चों से आत्मीय संवाद किया।
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि दिव्यांग बच्चों में यदि कोई शारीरिक कमी है, तो उन्हें ईश्वर ने दिव्य शक्ति भी जरूर दी है। आवश्यकता है उसे पहचान कर, अपनी ताकत बनायें और जीवन में आगे बढ़ें। उन्होंने इसके लिये जन जागृति की जरूरत बताई। इस दिशा में कैलेंडर को सार्थक पहल बताया।
जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य से बच्चे लें प्रेरणा
राज्यपाल श्री पटेल ने दिव्यांग बच्चों को चित्रकूट के जगद्गुरु दृष्टिबाधित दिव्यांग श्री रामभद्राचार्य का उदाहरण देकर प्रेरित किया। उन्होने कहा कि जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य दृष्टिबाधित होने के बावजूद 22 भाषाओं के जानकार हैं। उनकी ज्ञानार्जन की इच्छा, जीवन के प्रति उमंग और उत्साह, हम सबके लिए प्रेरणादायी है।
ओनेश की प्रशंसा की
राज्यपाल श्री पटेल ने दिव्यांग ओनेश द्वारा सुनाई गई कविता "मैं देख नहीं सकता पर महसूस कर सकता हूँ...." की सराहना की। दिव्यांग स्नेहा ने राज्यपाल को संस्था से जुड़े अपने अनुभव सुनाए। श्री पटेल ने आरूषि संस्था के दिव्यांग बच्चों के पुनर्वास प्रयासों की सराहना की। उन्होंने संस्था के स्टॉफ और सभी बच्चों के साथ समूह चित्र भी खिंचवाये।