कानून का पालन करना ही होगा... Paytm का उदाहरण देकर सरकार ने साफ कर दिया रुख
Updated on
19-02-2024 04:36 PM
नई दिल्ली: बड़ी हो या छोटी। देश की हो या विदेश की। उसे कानून का पालन करना ही पड़ेगा। पेटीएम का उदाहरण देकर सरकार ने इस बारे में अपना रुख साफ कर दिया है। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक (PPBL) पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के रेगुलेटरी एक्शन ने फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी (फिनटेक) कंपनियों का ध्यान कानून के अनुपालन के महत्व की ओर खींचा है। चंद्रशेखर ने इस बात पर जोर दिया कि रेगुलेटरी कम्प्लायंस कंपनियों के लिए ‘वैकल्पिक’ नहीं हो सकता है। अलबत्ता, यह एक ऐसा पहलू है जिस पर हर उद्यमी को पूरा ध्यान देना चाहिए।
चंद्रशेखर ने कहा, 'पेटीएम पेमेंट्स बैंक का मुद्दा ऐसा मामला है जहां एक आक्रामक उद्यमी नियामकीय अनुपालन की जरूरत को महसूस करने में विफल रहा है। कोई भी कंपनी अनुपालन से बच नहीं सकती है।'
सबके लिए चेतावनी
पेटीएम पेमेंट्स बैंक संकट के बीच मंत्री ने कहा कि कोई भी कंपनी, चाहे वह भारत की हो या विदेश की, बड़ी हो या छोटी, उसे देश के कानून का पालन करना होगा। भारतीय रिजर्व बैंक ने पीपीबीएल को 15 मार्च से नई जमा स्वीकार करने से रोक दिया है। कंपनी के खिलाफ अपनी कार्रवाई की किसी भी समीक्षा से इनकार कर दिया है।
चंद्रशेखर ने कहा कि यह धारणा कि पीपीबीएल पर आरबीआई की कार्रवाई ने फिनटेक क्षेत्र को परेशान कर दिया है, इसका सही नजरिया नहीं है। राजनीतिज्ञों, उद्यमियों और प्रौद्योगिकी दिग्गज इस बात से सहमत नहीं हैं कि पेटीएम बैंक मुद्दे ने पूरे फिनटेक उद्योग के लिए चिंता बढ़ा दी है।
उन्होंने कहा, ‘यह धारणा कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ नियामक की कार्रवाई ने फिनटेक को परेशान कर दिया है...मुझे नहीं लगता कि इसका सही चित्रण है।' चंद्रशेखर ने कहा, 'मुझे लगता है कि इसने फिनटेक उद्यमियों का ध्यान इस तथ्य की ओर खींचा है कि आपको यह भी जानना होगा कि कानून का अनुपालन कैसे करना है। नियामकीय अनुपालन दुनिया के किसी भी देश के लिए ‘वैकल्पिक’ नहीं है। निश्चित रूप से भारत में ऐसा नहीं है और उद्यमियों को इस पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है।’ चंद्रशेखर ने आगे कहा कि उद्यमी आमतौर पर जो कुछ भी बना रहे हैं, उस पर इतना ध्यान केंद्रित करने लगते हैं कि कभी-कभी वे नियामकों की ओर से निर्धारित नियमों की अनदेखी कर देते हैं।
आरबीआई ने लिया है एक्शन?
पीपीबीएल वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड का सहयोगी इकाई है। वन97 कम्युनिकेशंस के पास पीपीबीएल की चुकता शेयर पूंजी (सीधे और अपनी अनुषंगी कंपनी के माध्यम से) का 49 फीसदी हिस्सा है। पेटीएम के संस्थापक और सीईओ विजय शेखर शर्मा की बैंक में 51 फीसदी हिस्सेदारी है। रिजर्व बैंक ने पीपीबीएल के ग्राहकों और दुकानदारों को अपने खाते 15 मार्च तक अन्य बैंकों में स्थानांतरित करने को कहा है। इसके साथ केंद्रीय बैंक ने संकट में फंसी कंपनी को अपने ज्यादातर परिचालन को बद करने के लिए 15 दिन का और समय दे दिया है।
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