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क्या आपने गलती से न्यू टैक्स रिजीम का विकल्प चुन लिया है?

Updated on 26-12-2023 02:06 PM
नई दिल्ली: साल के इस समय के आसपास कंपनियां अक्सर अपने कर्मचारियों को टैक्स-सेविंग इन्वेस्टमेंट सर्टिफिकेट दिखाने के लिए कहती हैं। यदि आपकी कंपनी ने अब तक इस बारे में आपसे नहीं पूछा है, तो आपको यह जांचने की आवश्यकता है कि ऐसा क्यों है। दरअसल, वित्त मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए न्यू टैक्स रिजीम और ओल्ड टैक्स रिजीम दोनों को लागू कर रखा है। टैक्सपेयर्स दोनों में से कोई भी एक ऑप्शन चुनकर ITR फाइल कर सकते हैं और टैक्स छूट का फायदा ले सकते हैं। हालांकि, न्यू टैक्स रिजीम डिफॉल्ट रखी गई है। यदि आप ओल्ड टैक्स रिजीम के फायदे लेना चाहते हैं तो उसे चुनना जरूरी है। इसलिए, यदि आपने अपनी प्रॉयारिटी के बारे में अपनी कंपनी को नहीं बताया है, तो अब आप पर न्यू टैक्स रिजीम के तहत टैक्स लगेगा।

इकॉनमिक टाइम्स के मुताबिक, न्यू टैक्स रिजीम में टैक्स रिबेट, टैक्सस्लैब और लोअर टैक्स रेटदरों के लिए एक उच्च सीमा है। इसके तहत यदि टैक्सेबल इनकम ₹7 लाख से अधिक नहीं है, तो कोई टैक्स नहीं होगा। यदि आप इस साल बहाल किए गए 50,000 रुपये की स्टैंडर्ड डिडक्शन को जोड़ते हैं, तो 7.5 लाख रुपये तक की टैक्सेबल इनकम में जीरो टैक्स का भुगतान करना होगा। इसके अलावा टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करने की भी जरूरत नहीं है।

न्यू रिजीम वर्सेज ओल्ड रिजीम

हालांकि, आप ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत उपलब्ध कई डिडक्शन और इग्जेम्शन (छूट) के लिए इलिजिबल नहीं होंगे। HRA और LTA के लिए कोई छूट नया टैक्स-सेविंग इन्वेस्टमेंट, मेडिकल इंश्योरेंश और होम-एजुकेशन लोन पर पेमेंट किए गए इंटरेस्ट के लिए कोई छूट नहीं है। Taxspanner.com के सीईओ सुधीर कौशिक का कहना है कि टैक्सपेयर्स को खुद यह मूल्यांकन करने की जरूरत है कि उन्हें न्यू रिजीम अपनानी चाहिए या ओल्ड रिजीम के साथ रहना चाहिए। यदि आपने अपनी कंपनी को इन्फॉर्म नहीं किया है, तो वे पहले ही न्यू रिजीम में आपको डाल देंगे। एक बार टैक्स रिजीम चुन लेनेके बाद इसे फाइनैंशल इयर के बीच में नहीं बदला जा सकता।

हालांकि कौशिक का कहना है कि कोई टैक्सपेयर जब भी अपना टैक्स रिटर्न फाइल करता है, तब भी ओल्ड रिजीम को अपना सकता है। उन्होंने कहा, अगर कोई अतिरिक्त टैक्स इस आधार पर काटा गया है कि न्यू टैक्स रिजीम में इसे कंसिडर्ड नहीं किया गया है, तो टैक्सपेयर्स अपने आईटीआर में इसका दावा कर सकता है और रिफंड हासिल कर सकता है। हालांकि, कुछ रिबेट हैं जिन्हें टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय दावा नहीं किया जा सकता है। आप लीव ट्रेवल अलाउंस के लिए छूट का दावा नहीं कर सकते हैं, हालांकि HRA छूट का दावा किया जा सकता है।


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