दुनिया में कई खिलाड़ियों को खेल के लिए कई बार अपने शौक को छोड़ना पड़ता है। हालांकि, ऑस्ट्रेलिया की सोफी डे की कहानी कुछ अलग है। वो पेंटर होने के साथ प्रोफेशनल क्रिकेटर भी हैं। स्पिनर सोफी की कलाई में गेंद को घुमाने के साथ पेंट ब्रश को घुमाने की काबिलियत है, जिस वजह से वे इस साल वीमेंस बिग बैश लीग में सबसे ज्यादा 27 विकेट लेने वाली खिलाड़ी बनी।
25 वर्षीय सोफी कहती हैं, ‘मेरे लिए इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता था। मैं पेंटर के रूप में भी काम कर पा रही हूं और एक प्रोफेशनल क्रिकेटर भी हूं।’
सोफी को क्रिकेट करियर में पहला मौका बहुत देर से मिला था। ऑस्ट्रेलिया से होने के बावजूद वो वहां की घरेलू टीम में स्थान बनने में असफल हो रही थीं, जिसके बाद उन्हें इंग्लैंड की काउंटी टीम में जगह बनाने की कोशिश की। अंत में वो सफल रहीं।
सोफी को 2019 में वर्कशायर से मिला पहला मौका
उन्हें पहला ब्रेक 2019 में वर्कशायर से मिला। वे इस क्लब में 2017 में वर्ल्ड कप विजेता रही कप्तान हीथर नाइट, आन्या श्रबसोल के साथ खेल रही थीं। सोफी ने वर्कशायर की ओर से 50+ मैच खेले। कुछ महीनों बाद ही सोफी को 2020 महिला टी-20 वर्ल्ड कप में नेट बॉलर के रूप में चुना गया। जहां उन्होंने न्यूजीलैंड, भारत और ऑस्ट्रेलिया के स्टार्स को गेंदबाजी की।
आगे चलकर बीबीएल में उन्होंने होम टीम मेलबर्न स्टार्स और विक्टोरिया के लिए भी खेला। वो उस पल को याद करते हुए कहती हैं, ‘आपको पता नहीं होता कि छोटे मौके आगे चलकर किसी बड़े सपने को पूरा करते हैं। मैंने विक्टोरिया टीम के लिए ड्रिंक्स भी उठाई हैं, जब मैं उनके साथ कॉन्ट्रैक्ट पर नहीं थी। उस दौरान मैं टीम में मौजूद खिलाड़ियों से कई सवाल पूछती थी और सीखने की कोशिश करती थी।’
सोफी की "आर्ट ऑफ क्रिकेट' एग्जिबिशन में पूरी टीम पहुंची
सोफी बताती हैं कि विक्टोरिया क्रिकेट ने उनकी पेंटिंग करियर में बहुत मदद की। देर से क्रिकेट शुरू करने की वजह से वो फाइन आर्ट्स में यूनिवर्सिटी ऑफ मेलबर्न से डिग्री ले पाईं। हालांकि, वो अपने घर में दो करियर साथ में चलाने वाली इकलौती नहीं है। सोफी के पिता लेखक के साथ क्रिकेटर भी हैं।
सोफी बताती हैं कि वे पिता से दो करियर को साथ में चलाने के बारे में प्रतिद्वंदिता करती रहती हैं। उन्होंने ‘द आर्ट ऑफ क्रिकेट’ नाम से एक एग्जिबिशन लगाई थी, जिसमें उनकी विक्टोरिया टीम की साथी भी पहुंची थीं।